डी फार्मा से छात्रों को मिलते है ये लाभ

डी फार्मा का पूरा नाम डिप्लोमा इन फार्मेसी है, जो 2 साल का डिप्लोमा-स्तर का कोर्स है जो छात्रों को फार्मेसी तकनीशियन या सहायक के रूप में काम करने के लिए आवश्यक ज्ञान और कौशल से लैस करता है। यह प्रोग्राम उन लोगों के लिए आदर्श है जो फार्मास्युटिकल क्षेत्र में जल्दी से प्रवेश करना चाहते हैं।

डी फार्मा का उद्देश्य

इसके अंतर्गत छात्रों को विभिन्न फार्मास्युटिकल दवाओं के निर्माण के पीछे की बुनियादी प्रक्रियाओं के बारे में जानने को मिलता है। इसके साथ ही, डी फार्मेसी चिकित्सा प्रबंधन के कई सिद्धांतों को भी शामिल करता है और फार्मास्यूटिक्स, फार्मास्युटिकल केमिस्ट्री, फार्माकोलॉजी आदि जैसे विषयों की एक गहन समझ प्रदान करता है।

इसमें आपको प्रैक्टिकल शिक्षण भी दिया जाता है, ताकि छात्र दवाइयों के बारे में अच्छे से जानकारी प्राप्त कर सके।

डी फार्मा करने के फायदे

डी फार्मेसी कोर्स करने के बाद, छात्रों को अपने चिकित्सा विज्ञान के कोर्स की अवधि कम करने का भी लाभ मिलता है। क्योंकि डी फार्मेसी कोर्स में छात्रों को दवाओं की संरचना, उत्पादन, परीक्षण, रोगों के उपचार के लिए दवाओं की जानकारी दी जाती है, इससे उन्हें चिकित्सा के अन्य विषयों पर केंद्रित होने की आवश्यकता कम होती है।

डी फार्मा के बाद करियर

1) औषधि नियंत्रक:

यह कोर्स को करने के बाद आप किसी भी सरकारी एजेंसी में दवाईयों के नियमन में काम कर सकते हैं।

2) फार्मासिस्ट:

यह कोर्स को करने के बाद आप किसी भी अस्पताल, मेडिकल स्टोर या क्लीनिक में काम कर सकते हैं।

3) फार्मासूटिकल सेल्स:

यह कोर्स करने के बाद आप किसी भी प्रकार की दवाइयों की बिक्री या मार्केटिंग में काम कर सकते हैं।

डी फार्मा के लिए प्रवेश

अगर छात्र को डी फार्मा करना है तो उसको 12 वी कक्षा में अच्छे मार्क्स प्राप्त करने होंगे। छात्र की 12 वी कक्षा में केमिस्ट्री, बायोलॉजी और फिजिक्स विषय होने चाहिए।लेकिन कुछ कॉलेज में आपको डायरेक्ट एडमिशन भी मिल सकता है।

आवश्यक कौशल

1) मरीजों से बात करने की क्षमता
2) दवाइयों के बारे में समझ
3) प्रैक्टिकल अनुभव
4) उच्च स्तर की जिम्मेदारी

डी फार्मा का महत्व

डी. फार्मा किसी व्यक्ति को भारत में पंजीकृत फार्मासिस्ट के रूप में काम करने के योग्य बनाता है। कोर्स पूरा करने के बाद व्यक्ति को निजी और सरकारी अस्पतालों में फार्मासिस्ट के रूप में रोजगार के अवसर मिल सकते हैं। व्यक्ति स्वास्थ्य क्लीनिकों, गैर सरकारी संगठनों, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में काम कर सकता है।

निष्कर्ष

डी फार्मा दो वर्षीय डिप्लोमा कोर्स है जो छात्रों को आवश्यक फार्मास्युटिकल ज्ञान और व्यावहारिक कौशल की गहरी जानकारी प्रदान कराती है और उन्हें विभिन्न फार्मेसी सेटिंग्स में प्रवेश स्तर के पदों के लिए तैयार करता है।

यह कोर्स छात्रों को फार्मासिस्ट मरीजों के स्वास्थय को बेहतर बनाने में मदद करती हैं।

FAQ

Q. क्या डी फार्मा एक अच्छा करियर है?
A. अगर हम देखें तो भारत में प्रोफेशनल कोर्स तो बहुत सारे हैं जो छात्रों के बेहतर करियर बनाने के लिए अच्छे हैं। इसमें से डी फार्मा कोर्स भी काफी लोकप्रिय प्रोफेशनल कोर्स है। इसको करने के बाद छात्र किसी भी अस्पताल फार्मेसी या किसी दवा कंपनी में भी काट के सकते हैं।

Q. D फार्मा करने से क्या होता है?
A. डी फार्मा कोर्स को पूरा करने के बाद छात्र किसी अस्पताल फार्मेसी, दवा नियंत्रण प्रशासन, दवा निर्माण उद्योग और विकास में अपना करियर बना सकते हैं।

Q. डी फार्मा करने के बाद कितनी सैलरी मिलती है?
A. डीफार्मा करने के बाद छात्रों की वेतन की बात करें तो सरकारी नौकरी में 40 से 60 हजार रुपए प्रतिमाह तक मिल सकते हैं। और अगर हम मेडिकल स्टोर चलाते हैं तो यह आपके स्टोर की साइज और पॉपुलैरिटी पर निर्भर करता है।

Q. डी फार्मा में कितने पेपर होते हैं?
A. यह कोर्स 2 साल का होता है जिसके पहले साल में आपको 6 सब्जेक्ट पढ़ाए जाते हैं और दुसरे साल में भी 6 सब्जेक्ट पढ़ने अनिवार्य होते हैं।

Q.डी फार्मा में पासिंग मार्क्स कितना होता है?
A. डी फार्मा भाग- 1  या भाग- 2 परीक्षाओं में एक ही प्रयास में सभी विषयों में कुल मिलाकर 60% अंक या उससे अधिक अंक प्राप्त करने वाले उम्मीदवारों को डिप्लोमा इन फार्मेसी (भाग- I) या डिप्लोमा इन फार्मेसी (भाग- II) परीक्षाओं में प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण घोषित किया जाएगा, जैसा भी मामला हो।

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