इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग ऐसा ब्रांच है जो कि बिजली और इलेक्ट्रॉनिक्स मेथड्स के डिजाइन, विकास और संचालन से संबंध रखता है। यह क्षेत्र हमारी रोज की जिंदगी का हिस्सा बन चुका है जैसे मोबाइल फोन, कंप्यूटर आदि।
इस तरह के ब्रांच का उद्देश्य नई तकनीकीओ का विकास और उसे बेहतर बनाना होता है। इस ब्रांच के माध्यम से हम दुनिया भर के नए नए इंस्ट्रूमेंट्स और मेथड्स का निर्माण कर सकते हैं, जिससे मानव जीवन को सुविधा मिल सके।
इलेक्ट्रॉनिक इंजिनियरिंग का उद्देश्य
इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग का क्षेत्र व्यापक है और इसमें इलेक्ट्रिक सर्किट्स और नए नए उपकरणों के बारे में गहन अध्ययन किया जाता है। इस तरह के ब्रांच का उद्देश्य नई तकनीकीओ का विकास और उसे बेहतर बनाना होता है।
इस ब्रांच के माध्यम से हम दुनिया भर के नए नए इंस्ट्रूमेंट्स और मेथड्स का निर्माण कर सकते हैं, जिससे मानव जीवन को सुविधा मिल सके।यह क्षेत्र हमारी रोज की जिंदगी का हिस्सा बन चुका है जैसे मोबाइल फोन, कंप्यूटर आदि।
इलेक्ट्रॉनिक इंजिनियरिंग करने के फायदे
इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग के छात्रों के पास भारत और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बहुत से करियर के अवसर हैं। इसमें सैलरी छात्रों के अनुभवों और गहरी जानकारी के बेसिस पर दिया जाता है।इस ब्रांच के माध्यम से हम दुनिया भर के नए नए इंस्ट्रूमेंट्स और मेथड्स का निर्माण कर सकते हैं।
इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग के प्रमुख क्षेत्र
1) पावर इलेक्ट्रॉनिक्स:
इसमें बिजली के नियंत्रण इंस्ट्रूमेंट्स का डिजाइन और निर्माण किया जाता है जैसे कि पावर ट्रांसफार्मर, इनवर्टर्स आदि। इसका मुख्य कार्य ऊर्जा को बढ़ाना और पावर की पूर्ति करना होता है।
2) माइक्रोइलेक्ट्रॉनिक्स:
इसमें छोटे और हाइ लेवल वाले इलेक्ट्रॉनिक्स इंस्ट्रूमेंट्स का डिजाइन और निर्माण किया जाता है जैसे कि IC ( Integrated circuit), diode आदि।
3) कम्युनिकेशन सिस्टम:
यह कम्युनिकेशन सिस्टम से संबंध रखता है जैसे कि रेडियो, वायरलेस नेटवर्क सिस्टम, सैटेलाइट आदि।
4) सेंसर्स:
इसमें इलेक्ट्रॉनिक्स सेंसर्स के बारे में बताया जाता है जो कि ऑटोमैटिक प्रणालियों के लिए सही होता है।
इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग में पाठ्यक्रम
1) पावर इलेक्ट्रॉनिक्स
2) माइक्रोइलेक्ट्रॉनिक्स
3) कम्युनिकेशन सिस्टम
4) सेंसर्स
5) रोबोटिक्स ऑटोमेशन
इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग के करियर विकल्प
1) रोबोटिक्स इंजीनियर:
इसमें इंजीनियर विभिन्न प्रकार के रोबोट्स और ऑटोमैटिक प्रणालियों का डिजाइन और निर्माण का कार्य करते हैं।
2) नेटवर्क इंजीनियर:
इसमें इंजीनियर कंपनी के लिए एक बहुत ही सुरक्षित नेटवर्क बनाने का कार्य करते हैं।
3) पावर सिस्टम इंजीनियर:
इसमें इंजीनियर कंपनी के विद्युत विभाग को संभालते हैं जैसे कि पावर की पूर्ति होते रहना, शौर्ट सर्किट से बचाव, आदि।
4) संचार इंजीनियर:
इसमें इंजीनियर नेटवर्क प्रणाली, मोबाइल नेटवर्क आदि की डिजाइन और निर्माण का कार्य करते हैं।
5) प्रोसेस इंजीनियर:
इसमें इंजीनियर उत्पादन की प्रक्रिया को डिजाइन का कार्य करते हैं और उनके निर्माण का भी कार्य करते हैं।
इलेक्ट्रॉनिक इंजिनियरिंग का महत्व
इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग ऐसा ब्रांच है जो कि बिजली और इलेक्ट्रॉनिक्स मेथड्स के डिजाइन, विकास और संचालन से संबंध रखता है। इलेक्ट्रिकल, इलेक्ट्रॉनिक और कंप्यूटिंग इंजीनियर, साथ ही इलेक्ट्रीशियन और विशेषज्ञ तकनीशियन, मनोरंजन, परिवहन, विनिर्माण, स्वास्थ्य आदि उद्योगों और क्षेत्रों के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण हैं।इस ब्रांच के माध्यम से हम दुनिया भर के नए नए इंस्ट्रूमेंट्स और मेथड्स का निर्माण कर सकते हैं, जिससे मानव जीवन को सुविधा मिल सके।
निष्कर्ष
इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग के छात्रों के पास भारत और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बहुत से करियर के अवसर हैं। इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण क्षेत्र में कुशल श्रमिकों की कमी है। इसमें इंजीनियर विभिन्न प्रकार के रोबोट्स और ऑटोमैटिक प्रणालियों का डिजाइन और निर्माण का कार्य करते हैं।
FAQ
Q. इलेक्ट्रॉनिक इंजीनियर का महत्व क्या है?
A. इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग ऐसा ब्रांच है जो कि बिजली और इलेक्ट्रॉनिक्स मेथड्स के डिजाइन, विकास और संचालन से संबंध रखता है।
Q. इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग का स्कोप क्या है?
A. इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग के छात्रों के पास भारत और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बहुत से करियर के अवसर हैं। इसमें सैलरी छात्रों के अनुभवों और गहरी जानकारी के बेसिस पर दिया जाता है।इस ब्रांच के माध्यम से हम दुनिया भर के नए नए इंस्ट्रूमेंट्स और मेथड्स का निर्माण कर सकते हैं।
Q. इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग के विषय?
A. वैसे तो इसमें बहुत सारे विषयों के बारे में जानकारी दी जाती है परंतु इसके कुछ प्रमुख विषय इलेक्ट्रॉनिक्स सर्किट्स, कम्युनिकेशन सिस्टम, सिग्नल प्रोसेसिंग, रोबोट्स ऑटोमेशन और पावर सिस्टम होते हैं।
Q. इलेक्ट्रॉनिक के कितने भाग होते हैं?
A. इलेक्ट्रॉनिक सर्किट के भागों में आम तौर पर प्रतिरोधक, संधारित्र, प्रेरक, डायोड और ट्रांजिस्टर शामिल होते हैं। इसके अलावा इसमें सर्किट में इंटीग्रेटेड सर्किट्स, स्विच, कनेक्टर , सेंसर, रिले, ट्रांसफॉर्मर और डायोड जैसे भाग भी होते हैं।
Q.इलेक्ट्रॉनिक की खोज कब हुई थी?
A. इलेक्ट्रॉन की खोज जे जे थॉमसन ने कैथोड किरणों की विशेषताओं पर शोध करते हुए 1897 में की खोज की थी।