एमबीबीएस करने से खुल जाते है जिंदगी के ये रास्ते, जाने महत्व

एमबीबीएस यानी बैचलर ऑफ मेडिसिन ऐंड बैचलर ऑफ सर्जरी एक लोकप्रिय अंडरग्रैजुएट मेडिकल डिग्री प्रोग्राम है, जो मेडिकल प्रोफेशनल बनने की ख्वाहिश रखने वाले छात्रों द्वारा किया जाता है। कोर्स की अवधि साढ़े पांच साल है, जिसमें एक साल की अनिवार्य इंटर्नशिप भी शामिल है।

एमबीबीएस का उद्देश्य

यह एक बैचलर्स मेडिकल प्रोग्राम है, जो छात्रों को डॉक्टर या सर्जन बनने के अपने लक्ष्यों को आगे बढ़ाने की अनुमति देता है। यदि आप विदेश में एमबीबीएस करना चाहते हैं और एमबीबीएस के लिए सबसे अच्छा देश चुनना चाहते हैं तो इस ब्लॉग में उससे सम्बन्धित सभी जानकारी दी गई है। इसका उद्देश्य यह होता है कि छात्रों को मानव शरीर के अंगों, रोगों और उनके चिकित्सा के बारे में बताया जाए।

एमबीबीएस के लिए शैक्षिक योग्यता

1)वर्ग:

इस कोर्स को करने के लिए छात्र को इंटर(12 वीं) पास करना होगा तभी वह इस कोर्स को कर सकता है। इसमें छात्रों को भौतिक, रसायन और जीवविज्ञान विषय पढ़ने होंगे।

2)अंक:

इस कोर्स को करने के लिए छात्र को इंटर(12 वीं) में कम। से कम 50 प्रतिशत अंक होना चाहिए तभी वह इस कोर्स को कर सकता है।

3)प्रवेश परीक्षा:

अगर आप भारत में रहकर MBBS करना चाहते है तो आपको NEET (National Eligibility cum Entrance Test) परीक्षा को अच्छे अंक से पास करना होगा। यह एक राष्ट्रीय स्तर की परीक्षा होती है, जो मेडिकल कालेज में एडमिशन लेने के लिए बहुत आवश्यक है।

पाठ्यक्रम की संरचना

1) 1-2 वर्ष:

a) शरीर रचना

b) रासायनिक प्रक्रियाएं

c) सूक्ष्मजीव विज्ञान

d) मेडिकल एथिक्स

e) शारीरिक क्रियाएं

f) मानव शरीर का सामान्य परिचय

2) 3-4 वर्ष:

a) रोग विज्ञान

b) बाल चिकित्सा

c) मानसिक स्वास्थ्य

d) शल्य चिकित्सा

e) स्त्री रोग

f) औषधियों की जानकारी

g) चिकित्सा विज्ञान

3) 5 वा वर्ष:

a) रोगी उपचार

b) चिकित्सा विभाग में कार्य करना

एमबीबीएस करने के फायदे

1. जॉब्स सिक्योरिटी एमबीबीएस की पढ़ाई करने वाले छात्रों की जॉब्

2. इंसानों के बॉडी के बारे में अध्ययन करने का मिलता है मौका

3.किसी भी देश में कर सकते हैं प्रैक्टिस

इंटर्नशिप

इस कोर्स को पूरा करने के बाद छात्रों को 1 वर्ष की इंटर्नशिप भी करना अनिवार्य होता है। इंटर्नशिप में छात्र स्वास्थ्य विभागों में जाकर रोगियों का इलाज और उनकी देखभाल करना होता है। इंटर्नशिप से छात्र अपने अनुभवों को बढ़ाते हैं जिससे वो एक अच्छे डॉक्टर बन सके।

MBBS करने में खर्चा

इस कोर्स को करने में खर्च अलग अलग विश्वविद्यालयों और कॉलेज पर निर्भर करता है। अगर आप इस कोर्स को सरकारी कॉलेज से करते है तो आपको लगभग Rs10000 से Rs 20000 तक प्रति वर्ष खर्च करना पड़ेगा।

यदि आप इस कोर्स को किसी प्राइवेट कॉलेज से करते हैं तो आपको लगभग Rs5,00,000 से Rs 20,00,000 तक प्रति वर्ष खर्च करना पड़ेगा।

MBBS करने के बाद करियर विकल्प

1)सरकारी:

यह कोर्स को करने के बाद छात्र किसी सरकारी अस्पताल में डॉक्टर के रूप में कार्य के सकते हैं।

2)शिक्षण:

यह कोर्स को करने के बाद छात्र किसी मेडिकल कॉलेज में शिक्षक के रूप में कार्य के सकते हैं।

3) स्पेशलिस्ट:

इस कोर्स को करने के बाद छात्र कई स्पेसिफिक फील्ड में स्पेशलिस्ट भी बन सकते हैं।

4) पोस्ट ग्रेजुएट:

इस कोर्स को करने के बाद छात्र पोस्ट ग्रेजुएट भी कर सकते है जैसे कि MD,MS, आदि।

5)शोध:

यह कोर्स को करने के बाद छात्र विभिन्न संस्थाओं पर शोध भी कर सकते हैं।

6)अस्पताल मैनेजमेंट:

यह कोर्स को करने के बाद छात्र अस्पताल को मैनेज करने का कार्य भी कर सकते हैं।

एमबीबीएस का महत्व

एमबीबीएस विषयों को छात्रों को उद्योग की जरूरतों को पूरा करने के लिए आवश्यक सभी जानकारी प्रदान करने के लिए डिज़ाइन किया गया है।

एमबीबीएस विषय छात्रों को चिकित्सा, शल्य चिकित्सा, सूक्ष्म जीव विज्ञान, मानव शरीर रचना विज्ञान आदि जैसे विषयों की व्यावहारिक और सैद्धांतिक समझ प्रदान करते हैं।

निष्कर्ष

डॉक्टर बनने के लिए सबसे प्रसिद्ध और स्वीकृत डिग्री MBBS है। MBBS का फुल फॉर्म बैचलर ऑफ मेडिसिन और बैचलर ऑफ सर्जरी है। मेडिकल संस्थान और विश्वविद्यालय MBBS प्रदान करते हैं, जो मेडिकल और सर्जिकल मेडिसिन में विशेषज्ञ स्नातक की डिग्री है।

FAQ

Q. एमबीबीएस का फुल नाम क्या है?
A. अंग्रेजी में MBBS का फुल फॉर्म बैचलर ऑफ मेडिसिन और बैचलर ऑफ सर्जरी है। इसका संक्षिप्त रूप लैटिन शब्द मेडिसिने बैकालॉरियस बैकालॉरियस चिरुर्जिया से लिया गया है। अगर आप स्वास्थ्य विज्ञान की दुनिया में कदम रखने के इच्छुक हैं, तो MBBS आपका पहला कदम है।

Q. एमबीबीएस के बाद क्या-क्या स्पेशलाइजेशन होते हैं?
A. एमबीबीएस के बाद एक और प्रमुख मार्ग चिकित्सा के किसी विशेष क्षेत्र में उच्च अध्ययन करना है। मेडिकल स्नातक कार्डियोलॉजी, न्यूरोलॉजी, सर्जरी या अन्य विषयों जैसे विशेषज्ञताओं का विकल्प चुन सकते हैं जो उनकी रुचियों और कैरियर के लक्ष्यों के साथ संरेखित हों।

Q. MD और MBBS में क्या अंतर है?
A. एमबीबीएस कार्यक्रम आमतौर पर पांच से छह साल तक चलता है, जबकि एमडी कार्यक्रम आमतौर पर चार साल का होता है – और इसमें स्नातक होने के बाद विश्वविद्यालयों और अस्पतालों में शिक्षण के लिए तीन साल का निवास (जो सात साल तक हो सकता है) शामिल होता है।

Q. एमबीबीएस से ऊपर क्या होता है?
A. कुछ साल पहले तक एमबीबीएस के बाद मुख्य रूप से दो ही हायर स्पेशलाइज कोर्स होते थे. नॉन-सर्जिकल बीमारियों के लिए MD की पढ़ाई की जाती थी यानी मास्टर ऑफ मेडिसीन. इसके अलावा जो डॉक्टर सर्जन बनना चाहते थे वे MS यानी मास्टर ऑफ सर्जरी करते थे. एमडी में स्पेशलाइजेशन कोर्स की सुविधा है।

Q. MBBS के लिए कौन सा देश सबसे अच्छा है?
A. एमबीबीएस की शिक्षा रशिया में सबसे बेहतरीन गुणवत्ता वाली शिक्षा मानी जाती है। रशिया में 57 मेडिकल यूनिवर्सिटी होने के कारण एमबीबीएस की बहुत ज़्यादा डिमांड है।

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