एमएससी फुल फॉर्म (MSc full form in hindi) मास्टर ऑफ साइंस है और एमएससी कोर्स की अवधि दो साल की होती है। विज्ञान क्षेत्र में स्नातक की डिग्री वाले आवेदक एमएससी डिग्री कार्यक्रम अपना सकते हैं। एमएससी डिग्री दो साल तक चलने वाला स्नातकोत्तर डिग्री प्रोग्राम है जो विभिन्न वैज्ञानिक क्षेत्रों में विशेषज्ञता प्रदान करता है। एमएससी छात्रों को विश्लेषणआत्मक सोच को हासिल करने का अवसर प्रदान करता है।
एमएससी करने का उद्देश्य
MSc आमतौर पर ऐसे विषयों के लिए होती है, जो साइंटिफिक और गणितीय विषय पर अधिक केंद्रित होते हैं। इंजीनियरिंग, मेडिसीन और गणितीय अध्ययन MSc का हिस्सा हैं। एमएससी में छात्रों को साइंस से जुड़े विषयों के बारे में विस्तार से बताया जाता है तथा रिसर्च वर्क भी करने को दिया जाता है। एमएससी एक दो वर्ष का पोस्ट ग्रेजुएशन कार्स है।
एमएससी करने के फायदे
इसके अलावा, M.Sc डिग्री एक छात्र के करियर को बढ़ावा दे सकती है, उन्हें नौकरी के बाजार में प्रमुख बनने में मदद कर सकती है, और स्नातक की डिग्री के साथ मिलने वाली नौकरी की तुलना में आकर्षक नौकरी की संभावनाएँ प्राप्त कर सकती है।
एमएससी के प्रकार
1)एमएससी इन फिजिक्स:
इसमें छात्रों को भौतिक के सिद्धांतों और प्रयोग के बारे में गहरी जानकारी दी जाती है।
2)एमएससी इन केमिस्ट्री:
इसमें छात्रों को रसायन के पहलुओं और प्रयोग के बारे में गहरी जानकारी दी जाती है।
3)एमएससी इन मैथेमेटिक्स:
इसमें छात्रों को गणित के सिद्धांतों और प्रयोग के बारे में गहरी जानकारी दी जाती है।
4)एमएससी इन बायोलॉजी:
इसमें छात्रों को जीवविज्ञान के बारे में और उसके प्रयोग के बारे में गहरी जानकारी दी जाती है।
5)एमएससी इन कम्प्यूटर साइंस:
इसमें छात्रों को कंप्यूटर और उसके प्रयोग के बारे में गहरी जानकारी दी जाती है।इसमें छात्रों को कंप्यूटर के कोडिंग भी पढ़ाई जाती है।
6)एमएससी इन बायोटेक्नोलॉजी:
इसमें छात्रों को प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में प्रयोग और शोध के बारे में गहरी जानकारी दी जाती है।
एमएससी की अवधि
यह कोर्स आमतौर पर 2 वर्ष का होता है, यह अवधि अलग अलग विश्वविद्यालयों में अलग अलग हो सकती है।
1)पहला वर्ष:
पहले साल में छात्रों को उनके चुने हुए विषयों के आधार पर तकनीकों और प्रयोगात्मक दृष्टिकोण पर ध्यान दिया जाता है।
2)दूसरा वर्ष:
दूसरे साल में छात्रों को विशेष छेत्र में विषेशज्ञता प्राप्त कराई जाती है और साथ ही साथ छात्रों को अपने शोध कार्य को पूरा करने की जिम्मेदारी भी दी जाती है।
एमएससी में प्रवेश
1)अंक:
ज़्यादातर विश्वविद्यालयों में छात्रों को अपनी स्नातक डिग्री में कम से कम 50 से 60 प्रतिशत अंक प्राप्त होने चाहिए।
2)प्रवेश परीक्षा:
कुछ विश्वविद्यालयओ में एमएससी में प्रवेश लेने के लिए प्रवेश परीक्षा कराई जाती है जैसे कि IIT JAM या अन्य राज्य और केंद्रित विश्वविद्यालयों द्वारा अयोजित प्रवेश परीक्षा।
एमएससी के लिए आवश्यक कौशल
1)समस्या हल करने की क्षमता:
शोध कार्यों के दौरान छात्रों को समस्या को हल करने की क्षमता होनी चाहिए।
2) तकनीकी कौशल:
छात्रों को कंप्यूटर विज्ञान, जैव विज्ञान और कई अन्य क्षेत्रों के बारे में भी जानकारी होनी चाहिए।
3)अनुसंधान क्षमता:
इसमें छात्रों को अपने विषयों के अनुसंधान और नए विचारों को विकसित करने की आवश्यकता होती है।
एमएससी के बाद करियर विकल्प
1)औद्योगिक क्षेत्र:
इसमें छात्र फार्मासूटिकल, बायोटेक्नोलॉजी, पर्यावरण जैसे क्षेत्रों में कार्य के सकते हैं।
2)सरकारी नौकरी:
एमएससी करने के बाद छात्रों को विभिन्न सरकारी विभाग में कार्य करने का अवसर प्राप्त हो सकता है।
3)व्यवसाय:
एमएससी कोर्स को करने के बाद छात्र अपने खुद के परीक्षण प्रयोगशाला भी स्थापित के सकते हैं।
एमएससी का महत्व
मास्टर ऑफ साइंस (MSc) भारत में कई कॉलेजों/विश्वविद्यालयों में पेश किया जाने वाला एक स्नातकोत्तर कार्यक्रम है, जो विज्ञान में उच्च विश्लेषणात्मक दृष्टिकोण प्राप्त करने के लिए संबंधित डोमेन में उन्नत सैद्धांतिक और व्यावहारिक ज्ञान प्रदान करता है।
निष्कर्ष
एमएससी फुल फॉर्म मास्टर ऑफ साइंस है और एमएससी कोर्स की अवधि दो साल की होती है। विज्ञान क्षेत्र में स्नातक की डिग्री वाले आवेदक एमएससी डिग्री कार्यक्रम अपना सकते हैं। एमएससी डिग्री दो साल तक चलने वाला स्नातकोत्तर डिग्री प्रोग्राम है जो विभिन्न वैज्ञानिक क्षेत्रों में विशेषज्ञता प्रदान करता है। एमएससी एक उन्नत शैक्षिक डिग्री है जो विज्ञान और तकनीकी क्षेत्रों में गहरे ज्ञान और विशेषज्ञता प्राप्त कराता है।
FAQ
Q. एमएससी करने से क्या फायदा होता है?
A. विज्ञान विषयों से संबंधित अन्य पाठ्यक्रमों की तुलना में, एमएससी पाठ्यक्रम सैद्धांतिक और व्यावहारिक दोनों ही तरह से बहुत गहरे स्तर पर ज्ञान प्रदान करते हैं। एमएससी पूरा करने तक आप अपने क्षेत्र में लगभग विशेषज्ञ बन जाएंगे। उच्च आय की संभावना: उच्च योग्यता के साथ उच्च वेतन वाली नौकरियों की संभावना भी आती है।
Q. एमएससी शिक्षा क्या है?
A. एमएससी या मास्टर ऑफ साइंस, अमेरिकी एमएस डिग्री का यूरोपीय समकक्ष है, जिसे मास्टर ऑफ साइंस भी कहा जाता है। दोनों को STEM डिग्री माना जाता है, जो विज्ञान, इंजीनियरिंग, प्रौद्योगिकी, गणित या चिकित्सा पर केंद्रित है। इसके अलावा, कुछ एमएससी कार्यक्रम सामाजिक विज्ञान पर ध्यान केंद्रित करते हैं।
Q. MSc mein कौन-कौन से subject होते हैं?
A.एमएससी में विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग, सामाजिक विज्ञान और गणित शामिल होते हैं, जबकि एमए डिग्री कार्यक्रम आमतौर पर मानविकी और उदार कला विषयों पर केंद्रित होता है।
Q. MSC कितने साल का होता है?
A.एमएससी 2 साल का कार्यक्रम है जिसमें चार सेमेस्टर होते हैं: इन चार सेमेस्टर के दौरान रसायन विज्ञान, भौतिकी, फिजियोलॉजी, गणित, एनाटॉमी आदि जैसे विभिन्न विषयों को शामिल किया जाता है। कोर एमएससी विषय: कोर एमएससी विषयों में मैकेनिक्स, सेल बायोलॉजी, एनालिटिकल केमिस्ट्री और गणितीय भौतिकी शामिल हैं।
Q. MSc के बाद B.Ed. कितने साल का होता है?
A.पोस्ट ग्रेजुएशन करने के बाद b. ed करने में आपको 1 साल का समय लगता है। पोस्ट ग्रेजुएशन का मतलब होता है मास्टर डिग्री यानी MA,MSC,MCOM करने के बाद यदि आप b. ed करना चाह रहे हैं तो इसमें आपको 1 साल का समय लगता है।